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  • इजरायल-हमास युद्ध पर बोली सोनिया गांधी - न्याय के बिना शांति नहीं, मोदी सरकार के UN स्टैंड पर भड़की

    इजरायल पर हुए हमले पर अपनी राय रखते हुए कांग्रेस नेता ने कहा, 'इजरायल पर क्रूर हमलों से हम सामूहिक रूप से दुखी हुए थे। अब हम सभी इजराइल की असंगत और समान रूप से क्रूर प्रतिक्रिया से दुखी हो गए हैं।

    इजरायल और हमास के बीच कल रहे युद्ध को रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ एक प्रस्ताव लेकर आया था। इस प्रस्ताव पर वोटिंग के दौरान भारत गैर हाजिर रहा। भारत के इस रवैये की कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने निंदा की है। सोमवार को उन्होंने एक लेख में लिखा, “कांग्रेस वोटिंग के दौरान भारत के गैर-हाजिर रहने का कड़ा विरोध करती है, इजरायल फिलिस्तीन के उन लोगों से उस हमले के लिए बदला ले रहा है, जिससे उनका कोई मतलब नहीं है। उसने गाजा पट्टी को डेढ़ दशक से खुला जेल बना दिया है। यह ऐसा समय है, जब मानवता की परीक्षा हो रही है।”

    मानवता इम्तिहान के दौर से गुजर रही है- सोनिया गांधी

    कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अंग्रेजी अखबार 'द हिंदू' में लिखे एक लेख में हमास के आतंकियों के द्वारा इजरायल पर किए गए हमलों की भी निंदा की। साथ ही उन्होंने लिखा कि कांग्रेस ने हमास के हमलों की स्पष्ट रूप से निंदा की है। लेकिन यह त्रासदी उस समय और बढ़ गई, जब इजरायल उस आबादी से बदला लेने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, जो काफी हद तक असहाय होने के साथ-साथ निर्दोष भी है। उनकी पार्टी का लंबे समय से यह रुख रहा है कि इजरायल के साथ सह-अस्तित्व में एक संप्रभु, स्वतंत्र और सुरक्षित फिलिस्तीन राष्ट्र के लिए सीधी बातचीत हो। मानवता अब इम्तिहान के दौर से गुजर रही है।

    इजरायल पर क्रूर हमलों से हम सामूहिक रूप से दुखी हुए थे

    इजरायल पर हुए हमले पर अपनी राय रखते हुए कांग्रेस नेता ने कहा, 'इजरायल पर क्रूर हमलों से हम सामूहिक रूप से दुखी हुए थे। अब हम सभी इजराइल की असंगत और समान रूप से क्रूर प्रतिक्रिया से दुखी हो गए हैं। हमारी सामूहिक अंतरात्मा के जागने से पहले और कितनी जानें जाएंगी?' सात अक्टूबर, 2023 को हमास ने इजरायल पर एक क्रूर हमला किया, जिसमें एक हजार से अधिक लोग मारे गए और 200 से अधिक लोगों का अपहरण कर लिया गया था। उन्होंने कहा कि जान गंवाने वालों में से ज्यादातर आम नागरिक थे।

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